Wednesday, August 14, 2013

"प्याज का बदला"

नयी पिक्चर: "प्याज का बदला"


कुछ अंश:

रामू काका: प्याज, आज तक तो रुलाते ही थे, अब क्या जान भी ले लोगे??

प्याज: हाँ रामू काका, हाँ... आज तक तुम सबने हमें कच्चा चबाया है... कभी सलाद में, कभी सब्जी में, कभी कभी तो बिना नमक मिर्च के ही,,, आज सबका बदला पूरा होगा रामू काका,, पूरा होगा...

रामू काका: अरे पगले, याद कर, कभी तू गरीब आदमी का सहारा हुआ करता था... लोग कहते थे, की कुछ नहीं तो रोटी, प्याज और नमक ही खा के गुज़ारा कर लेंगे... कहाँ गए तुम्हारे वो संस्कार??

प्याज: काका, संस्कार का अंतिम संस्कार तो सरकार ने कर दिया है... अरे कौन सी रोटी और कहाँ का नमक? जा के पूछो किसी गरीब से, क्या उन्हें इतना भी नसीब हो रहा है??

रामू काका: अरे पगले, तो बदला तू आम आदमी से क्यूँ ले रहा है?? लेना है तो उन बड़े और बड़ी पहुँच वाले लोगो से ले, जो ऐसा अत्याचार कर रहे हैं...

प्याज: अरे काका, तू भी बहुत भोला है... उन बड़े लोगो के हाथ में कमान किसने थमाई? वो भी १ बोतल दारू और ५०० रुपयो के लिए, या फिर एक मुफ्त के टीवी और लैपटॉप के लिए?? रोना तो उन्हें ही पड़ेगा काका... उन्हें ही पड़ेगा....

-Crazy Mind

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