मेरा भारत महान:
- चीन को उनकी हद में रखने के लिए अपनी सेना की गतिविधि कम की
- अपने बंकर नष्ट किये
- हमारी जेलों में बंद कैदी, जिन्हें हम किसी न किसी जुर्म में मुजरिम करार देते हैं, हमारे नेताओं और जनता से ज्यादा देशभक्त निकले
- पड़ोसी देश घुसपैठ करता है, आतंक मचाता है, निर्दोषों की निर्मम हत्या करता है, तो हम उनके साथ क्रिकेट नहीं खेलते (बचपन की यादें)
- ४२ वर्ष का व्यक्ति युवा नेता कहलाता है
- यहाँ हर व्यक्ति को अपनी आय की जानकारी देनी होती है, सिवाय एक विशेष महिला के, जिसे लगता है की ऐसा करने से उसकी जान को खतरा पैदा हो सकता है
- यहाँ एक पूर्व प्रधानमंत्री अपने घुटनों का इलाज मुंबई में करा कर एक मिसाल कायम करते हैं, और एक पार्टी-विशिष्ट की नेत्री एक रहस्यमय बीमारी के इलाज के लिए अम्रीका जाती हैं, जिसकी कानो-कान खबर भी नहीं लगती
- देश के बड़े बड़े दिग्गज नेता कुत्तों की तरह दम हिलाते हुए एक ऐसे कल के छोरे के आगे-पीछे घूमते हैं जीको राजनीती की कोई समझ नहीं है (शर्मनाक)
- जहाँ सेना, पुलिस, और अन्य विशिष्ट दल सिर्फ "अति-विशिष्ट" व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए ही रह गए हैं
- जहाँ स्कूल, कॉलेज, अनुसंधान केंद्र तो कई हैं, पर वहां सिर्फ रोबोट तैयार किये जाते हैं
- जहाँ यदि आप उच्च जाति और निर्धन घर से हों, तो आपकी फरियाद कोई नहीं सुनने वाला
- जहाँ जातिवाद, धर्म, परिवारवाद सिर्फ और सिर्फ आम जनता में फूट डाल कर राज करने के लिए हमारे ही प्रतिनिधियों द्वारा प्रयोग किया जाता है
सच में... यह सूची बढती ही चली जाएगी... गर्व है ऐसे देश पर जहाँ हम सरकार तो कुछ सौ रुपयों, एक बोतल शराब, या अपनी जाती और धर्म के आधार पे चुन लेते हैं, और कहते हैं की सरकार निकम्मी है... वास्तव में हम निकम्मे हैं... सरकार तो हमारा प्रतिबिम्ब है...
- चीन को उनकी हद में रखने के लिए अपनी सेना की गतिविधि कम की
- अपने बंकर नष्ट किये
- हमारी जेलों में बंद कैदी, जिन्हें हम किसी न किसी जुर्म में मुजरिम करार देते हैं, हमारे नेताओं और जनता से ज्यादा देशभक्त निकले
- पड़ोसी देश घुसपैठ करता है, आतंक मचाता है, निर्दोषों की निर्मम हत्या करता है, तो हम उनके साथ क्रिकेट नहीं खेलते (बचपन की यादें)
- ४२ वर्ष का व्यक्ति युवा नेता कहलाता है
- यहाँ हर व्यक्ति को अपनी आय की जानकारी देनी होती है, सिवाय एक विशेष महिला के, जिसे लगता है की ऐसा करने से उसकी जान को खतरा पैदा हो सकता है
- यहाँ एक पूर्व प्रधानमंत्री अपने घुटनों का इलाज मुंबई में करा कर एक मिसाल कायम करते हैं, और एक पार्टी-विशिष्ट की नेत्री एक रहस्यमय बीमारी के इलाज के लिए अम्रीका जाती हैं, जिसकी कानो-कान खबर भी नहीं लगती
- देश के बड़े बड़े दिग्गज नेता कुत्तों की तरह दम हिलाते हुए एक ऐसे कल के छोरे के आगे-पीछे घूमते हैं जीको राजनीती की कोई समझ नहीं है (शर्मनाक)
- जहाँ सेना, पुलिस, और अन्य विशिष्ट दल सिर्फ "अति-विशिष्ट" व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए ही रह गए हैं
- जहाँ स्कूल, कॉलेज, अनुसंधान केंद्र तो कई हैं, पर वहां सिर्फ रोबोट तैयार किये जाते हैं
- जहाँ यदि आप उच्च जाति और निर्धन घर से हों, तो आपकी फरियाद कोई नहीं सुनने वाला
- जहाँ जातिवाद, धर्म, परिवारवाद सिर्फ और सिर्फ आम जनता में फूट डाल कर राज करने के लिए हमारे ही प्रतिनिधियों द्वारा प्रयोग किया जाता है
सच में... यह सूची बढती ही चली जाएगी... गर्व है ऐसे देश पर जहाँ हम सरकार तो कुछ सौ रुपयों, एक बोतल शराब, या अपनी जाती और धर्म के आधार पे चुन लेते हैं, और कहते हैं की सरकार निकम्मी है... वास्तव में हम निकम्मे हैं... सरकार तो हमारा प्रतिबिम्ब है...
No comments:
Post a Comment